मित्रा, तुझ्याविणा जगताना
आता आम्ही नीट ताट मांडून जेवत नाही
कारण, ते आवरणारा कोणी नसतो
आणि आता "बसणेही" होत नाही
कारण, वेळ आलीच तर सावरणारा कोणी नसतो
मित्रा, तुझ्याविणा जगताना
आता आम्ही रूम बाहेर पडत नाही
आणि जाऊन त्या "पुणेरी" खड्यांना नडत नाही
कारण, वाटेतले रस्ते शोधणारा कोणी नसतो
मित्रा, तुझ्याविणा जगताना
आता मी गजला देखील ऎकत नाही
कारण, मी "पेटवलेल्या" गजलांना दाद देणारा कोणी नसतो
आणि आता त्या गाण्याचा प्रयत्नही करवत नाही
कारण, सोबत साथ देणारा कोणी नसतो...
- नरेन्द्र सिंह
एक आम software professional की कहानी ग़ज़लों की जुबाँनी। मैने कई साल ग़ज़लों की दुनिया मे गुजारे हैं। अब ये प्रयास है ग़ज़लों को मेरी दुनिया से रुबरु कराने का।
Tuesday, September 25, 2007
Friday, September 14, 2007
अब मैं Walk-Ins की क़तारों में नज़र आता हूँ
अब मैं Walk-Ins की क़तारों में नज़र आता हूँ
अपने schedule से पिछडने की सज़ा पाता हूँ
इतनी vacancies पर बाज़ार से जब offer लाता हूँ
अपने दोस्तो में package बता के शरमाता हूँ
अपनी interest का job ढुंढने की कोशिश में
भागते-भागते थक जाता हूँ, सो जाता हूँ
कोई fresher समझ के खीँच न ले फिर से कहीँ
मैँ fake-experience ओढ के चुपचाप interview मे जाता हूँ
-----------------------------
Vocabulary:
क़तार = queue
पिछडने = to lag behind, delayed
-----------------------------
Original Gazal : अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
Lyriced By : खलील धनतेजवी
Voiced By : जगजीत सिंह
अपने schedule से पिछडने की सज़ा पाता हूँ
इतनी vacancies पर बाज़ार से जब offer लाता हूँ
अपने दोस्तो में package बता के शरमाता हूँ
अपनी interest का job ढुंढने की कोशिश में
भागते-भागते थक जाता हूँ, सो जाता हूँ
कोई fresher समझ के खीँच न ले फिर से कहीँ
मैँ fake-experience ओढ के चुपचाप interview मे जाता हूँ
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Vocabulary:
क़तार = queue
पिछडने = to lag behind, delayed
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Original Gazal : अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
Lyriced By : खलील धनतेजवी
Voiced By : जगजीत सिंह
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